महाभारतम् — 14.9.6
Original
Segmented
बृहस्पतिः उवाच देवैः सह त्वम् असुरान् सम्प्रणुद्य जिघांससे अद्य अपि उत स अनुबन्धान् यम् यम् समृद्धम् पश्यसि तत्र तत्र दुःखम् सपत्नेषु समृद्ध-भावः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बृहस्पतिः | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| देवैः | देव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| सह | सह | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| असुरान् | असुर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सम्प्रणुद्य | सम्प्रणुद् | pos=vi |
| जिघांससे | जिघांस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| उत | उत | pos=i |
| स | स | pos=i |
| अनुबन्धान् | अनुबन्ध | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समृद्धम् | समृध् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| पश्यसि | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सपत्नेषु | सपत्न | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| समृद्ध | समृध् | pos=va,comp=y,f=part |
| भावः | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |