महाभारतम् — 14.90.15
Original
Segmented
त्रीन् अश्वमेधान् अत्र त्वम् सम्प्राप्य बहु-दक्षिणान् ज्ञाति-वध्या-कृतम् पापम् प्रहास्यसि नराधिप
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अश्वमेधान् | अश्वमेध | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| सम्प्राप्य | सम्प्राप् | pos=vi |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| दक्षिणान् | दक्षिणा | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| ज्ञाति | ज्ञाति | pos=n,comp=y |
| वध्या | वध्या | pos=n,comp=y |
| कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रहास्यसि | प्रहा | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| नराधिप | नराधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |