महाभारतम् — 14.91.28
Original
Segmented
श्वशुरात् प्रीति-दायम् तम् प्राप्य सा प्रीत-मानसा चकार पुण्यम् लोके तु सु महान्तम् पृथा तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्वशुरात् | श्वशुर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
| दायम् | दाय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| प्रीत | प्री | pos=va,comp=y,f=part |
| मानसा | मानस | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| चकार | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पुण्यम् | पुण्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| सु | सु | pos=i |
| महान्तम् | महत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| पृथा | पृथा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |