महाभारतम् — 14.93.52
Original
Segmented
अवेक्ष्या इति कृत्वा त्वम् दृढ-भक्त्या इति वा द्विज चिन्त्या मे इयम् इति वा सक्तून् आदातुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अवेक्ष्या | अवेक्ष् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| इति | इति | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| दृढ | दृढ | pos=a,comp=y |
| भक्त्या | भक्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| द्विज | द्विज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| चिन्त्या | चिन्तय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| सक्तून् | सक्तु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आदातुम् | आदा | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |