महाभारतम् — 14.95.15
Original
Segmented
एतद् भवन्तः संचिन्त्य महा-ऋषेः अस्य धीमतः अगस्त्यस्य अति तपसः कर्तुम् अर्हन्ति अनुग्रहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भवन्तः | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| संचिन्त्य | संचिन्तय् | pos=vi |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| ऋषेः | ऋषि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| धीमतः | धीमत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| अगस्त्यस्य | अगस्त्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अति | अति | pos=i |
| तपसः | तपस् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कर्तुम् | कृ | pos=vi |
| अर्हन्ति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| अनुग्रहम् | अनुग्रह | pos=n,g=m,c=2,n=s |