महाभारतम् — 15.10.9
Original
Segmented
कोशस्य संचये यत्नम् कुर्वीथा न्यायतः सदा द्विविधस्य महा-राज विपरीतम् विवर्जयेः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कोशस्य | कोश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| संचये | संचय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| यत्नम् | यत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कुर्वीथा | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
| न्यायतः | न्याय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| द्विविधस्य | द्विविध | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विपरीतम् | विपरीत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| विवर्जयेः | विवर्जय् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |