महाभारतम् — 15.12.20
Original
Segmented
एवम् त्वया कुरुश्रेष्ठ वर्तितव्यम् प्रजा-हितम् उभयोः लोकयोः तात प्राप्तये नित्यम् एव च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| कुरुश्रेष्ठ | कुरुश्रेष्ठ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| वर्तितव्यम् | वृत् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| प्रजा | प्रजा | pos=n,comp=y |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=6,n=d |
| लोकयोः | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्राप्तये | प्राप्ति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |