महाभारतम् — 15.17.14
Original
Segmented
राजानम् उपतिष्ठस्व ज्येष्ठम् भ्रातरम् ईश्वरम् अर्हः त्वम् असि दातुम् वै न आदातुम् भरत-ऋषभ एवम् ब्रुवाणम् कौन्तेयम् धर्मराजो ऽभ्यपूजयत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| राजानम् | राजन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपतिष्ठस्व | उपस्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| ज्येष्ठम् | ज्येष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| भ्रातरम् | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ईश्वरम् | ईश्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अर्हः | अर्ह | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| दातुम् | दा | pos=vi |
| वै | वै | pos=i |
| न | न | pos=i |
| आदातुम् | आदा | pos=vi |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| ब्रुवाणम् | ब्रू | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| कौन्तेयम् | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धर्मराजो | धर्मराज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽभ्यपूजयत् | अभिपूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |