महाभारतम् — 15.27.13
Original
Segmented
संचरिष्यति लोकान् च देव-गन्धर्व-रक्षसाम् स्व-छन्देन इति धर्म-आत्मा यत् माम् त्वम् परिपृच्छसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संचरिष्यति | संचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| गन्धर्व | गन्धर्व | pos=n,comp=y |
| रक्षसाम् | रक्षस् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| छन्देन | छन्द | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| परिपृच्छसि | परिप्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |