महाभारतम् — 15.39.17
Original
Segmented
यत् च वो हृदि सर्वेषाम् दुःखम् एनत् चिरम् स्थितम् तद् अद्य व्यपनेष्यामि पर-लोक-कृतात् भयात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| वो | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| हृदि | हृद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एनत् | एनद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| चिरम् | चिरम् | pos=i |
| स्थितम् | स्था | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| व्यपनेष्यामि | व्यपनी | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| पर | पर | pos=n,comp=y |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| कृतात् | कृ | pos=va,g=n,c=5,n=s,f=part |
| भयात् | भय | pos=n,g=n,c=5,n=s |