महाभारतम् — 15.42.7
Original
Segmented
अविनाशी तथा नित्यम् क्षेत्रज्ञ इति निश्चयः भूतानाम् आत्म-भावः यो ध्रुवो ऽसौ संविजानताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अविनाशी | अविनाशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| क्षेत्रज्ञ | क्षेत्रज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| निश्चयः | निश्चय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| भावः | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ध्रुवो | ध्रुव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽसौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संविजानताम् | संविज्ञा | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |