महाभारतम् — 15.8.16
Original
Segmented
त्वया च अयम् नर-व्याघ्र गुरु-शुश्रूषया नृपः आराधितः स भृत्येन गान्धारी च यशस्विनी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| शुश्रूषया | शुश्रूषा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| नृपः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| आराधितः | आराधय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | स | pos=i |
| भृत्येन | भृत्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| गान्धारी | गान्धारी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| यशस्विनी | यशस्विन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |