महाभारतम् — 16.8.41
Original
Segmented
तद् अद्भुतम् अभिप्रेक्ष्य द्वारका-वासिनः जनाः तूर्णात् तूर्णतरम् जग्मुः अहो दैवम् इति ब्रुवन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अद्भुतम् | अद्भुत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अभिप्रेक्ष्य | अभिप्रेक्ष् | pos=vi |
| द्वारका | द्वारका | pos=n,comp=y |
| वासिनः | वासिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तूर्णात् | तूर्ण | pos=a,g=m,c=5,n=s |
| तूर्णतरम् | तूर्णतरम् | pos=i |
| जग्मुः | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| अहो | अहो | pos=i |
| दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| ब्रुवन् | ब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |