महाभारतम् — 17.1.33
Original
Segmented
अग्निम् ते ददृशुः तत्र स्थितम् शैलम् इव अग्रतस् मार्गम् आवृत्य तिष्ठन्तम् साक्षात् पुरुष-विग्रहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ददृशुः | दृश् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| स्थितम् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| शैलम् | शैल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अग्रतस् | अग्रतस् | pos=i |
| मार्गम् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आवृत्य | आवृ | pos=vi |
| तिष्ठन्तम् | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| साक्षात् | साक्षात् | pos=i |
| पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
| विग्रहम् | विग्रह | pos=n,g=m,c=2,n=s |