महाभारतम् — 18.1.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच स्वर्गम् त्रिविष्टपम् प्राप्य मम पूर्व-पितामहाः पाण्डवा धार्तराष्ट्राः च कानि स्थानानि भेजिरे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्रिविष्टपम् | त्रिविष्टप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| पूर्व | पूर्व | pos=n,comp=y |
| पितामहाः | पितामह | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| पाण्डवा | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| धार्तराष्ट्राः | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| कानि | क | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| स्थानानि | स्थान | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| भेजिरे | भज् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |