महाभारतम् — 18.5.42
Original
Segmented
नारदो ऽश्रावयद् देवान् असितो देवलः पितॄन् रक्षो यक्षान् शुकः मर्त्यान् वैशंपायन एव तु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नारदो | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽश्रावयद् | श्रावय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| असितो | असित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| देवलः | देवल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पितॄन् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| रक्षो | रक्षस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यक्षान् | यक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| शुकः | शुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मर्त्यान् | मर्त्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| तु | तु | pos=i |