महाभारतम् — 2.1.11
Original
Segmented
यत्र दिव्यान् अभिप्रायान् पश्येम विहितान् त्वया आसुरान् मानुषान् च एव ताम् सभाम् कुरु वै मय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत्र | यत्र | pos=i |
| दिव्यान् | दिव्य | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| अभिप्रायान् | अभिप्राय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पश्येम | पश् | pos=v,p=1,n=p,l=vidhilin |
| विहितान् | विधा | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| आसुरान् | आसुर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| मानुषान् | मानुष | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| सभाम् | सभा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| वै | वै | pos=i |
| मय | मय | pos=n,g=m,c=8,n=s |