महाभारतम् — 2.1.18
Original
Segmented
तर्पयित्वा द्विजश्रेष्ठान् पायसेन सहस्रशः धनम् बहुविधम् दत्त्वा तेभ्य एव च वीर्यवान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तर्पयित्वा | तर्पय् | pos=vi |
| द्विजश्रेष्ठान् | द्विजश्रेष्ठ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पायसेन | पायस | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| बहुविधम् | बहुविध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| दत्त्वा | दा | pos=vi |
| तेभ्य | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| वीर्यवान् | वीर्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |