महाभारतम् — 2.12.38
Original
Segmented
केचिद् हि सौहृदाद् एव दोषम् न परिचक्षते अर्थ-हेतोः तथा एव अन्ये प्रियम् एव वदन्ति उत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| केचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| सौहृदाद् | सौहृद | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| दोषम् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| परिचक्षते | परिचक्ष् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| हेतोः | हेतु | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| अन्ये | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| वदन्ति | वद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| उत | उत | pos=i |