महाभारतम् — 2.30.40
Original
Segmented
आमन्त्रण-अर्थम् दूतान् त्वम् प्रेषयस्व आशु-गाम् द्रुतम् उपश्रुत्य वचो राज्ञः स दूतान् प्राहिणोत् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आमन्त्रण | आमन्त्रण | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| दूतान् | दूत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रेषयस्व | प्रेषय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| आशु | आशु | pos=a,comp=y |
| गाम् | ग | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| द्रुतम् | द्रुतम् | pos=i |
| उपश्रुत्य | उपश्रु | pos=vi |
| वचो | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| राज्ञः | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दूतान् | दूत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्राहिणोत् | प्रहि | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |