महाभारतम् — 2.30.41
Original
Segmented
आमन्त्रयध्वम् राष्ट्रेषु ब्राह्मणान् भूमिपान् अपि विशः च मानय् शूद्रान् च सर्वान् आनयत इति च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आमन्त्रयध्वम् | आमन्त्रय् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| राष्ट्रेषु | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| भूमिपान् | भूमिप | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| विशः | विश् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| मानय् | मानय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=krtya |
| शूद्रान् | शूद्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आनयत | आनी | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| इति | इति | pos=i |
| च | च | pos=i |