महाभारतम् — 2.33.30
Original
Segmented
तस्मै भीष्म-अभ्यनुज्ञातः सहदेवः प्रतापवान् उपजह्रे ऽथ विधिवद् वार्ष्णेयाय अर्घ्यम् उत्तमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| भीष्म | भीष्म | pos=n,comp=y |
| अभ्यनुज्ञातः | अभ्यनुज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सहदेवः | सहदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| उपजह्रे | उपहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| विधिवद् | विधिवत् | pos=i |
| वार्ष्णेयाय | वार्ष्णेय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| अर्घ्यम् | अर्घ्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=2,n=s |