महाभारतम् — 2.44.22
Original
Segmented
दुर्योधन उवाच त्वम् एव कुरु-मुख्याय धृतराष्ट्राय सौबल निवेदय यथान्यायम् न अहम् शक्ष्ये निशंसितुम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुर्योधन | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| मुख्याय | मुख्य | pos=a,g=m,c=4,n=s |
| धृतराष्ट्राय | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| सौबल | सौबल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| निवेदय | निवेदय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| शक्ष्ये | शक् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| निशंसितुम् | निशंस् | pos=vi |