महाभारतम् — 2.45.20
Original
Segmented
रथ-योषित्-गो-अश्वस्य शतशो ऽथ सहस्रशः त्रिंशतम् च उष्ट्र-वामी शतानि विचरन्ति उत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रथ | रथ | pos=n,comp=y |
| योषित् | योषित् | pos=n,comp=y |
| गो | गो | pos=n,comp=y |
| अश्वस्य | अश्व | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शतशो | शतशस् | pos=i |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
| त्रिंशतम् | त्रिंशत् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| उष्ट्र | उष्ट्र | pos=n,comp=y |
| वामी | वामी | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| शतानि | शत | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| विचरन्ति | विचर् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| उत | उत | pos=i |