महाभारतम् — 2.45.27
Original
Segmented
शैक्यम् रुक्म-सहस्रस्य बहु-रत्न-विभूषितम् दृष्ट्वा च मम तत् सर्वम् ज्वर-रूपम् इव अभवत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शैक्यम् | शैक्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| रुक्म | रुक्म | pos=n,comp=y |
| सहस्रस्य | सहस्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
| विभूषितम् | विभूषय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ज्वर | ज्वर | pos=n,comp=y |
| रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |