महाभारतम् — 2.45.9
Original
Segmented
आच्छादयसि प्रावारान् अश्नासि पिशित-ओदनम् आजानेया वहन्ति त्वाम् केन असि हरिणः कृशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आच्छादयसि | आच्छादय् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| प्रावारान् | प्रावार | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अश्नासि | अश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| पिशित | पिशित | pos=n,comp=y |
| ओदनम् | ओदन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आजानेया | आजानेय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वहन्ति | वह् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| केन | केन | pos=i |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| हरिणः | हरिण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |