महाभारतम् — 2.5.90
Original
Segmented
किंचिद् ज्ञातीन् गुरून् वृद्धान् दैवतान् तापसान् अपि चैत्यान् च वृक्षान् कल्याणान् ब्राह्मणान् च नमस्यसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ज्ञातीन् | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गुरून् | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वृद्धान् | वृद्ध | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| दैवतान् | दैवत | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| तापसान् | तापस | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| चैत्यान् | चैत्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| वृक्षान् | वृक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कल्याणान् | कल्याण | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| नमस्यसि | नमस्य् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |