महाभारतम् — 2.58.2
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच मम वित्तम् असंख्येयम् यद् अहम् वेद सौबल अथ त्वम् शकुने कस्माद् वित्तम् समनुपृच्छसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वित्तम् | वित्त | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| असंख्येयम् | असंख्येय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| वेद | विद् | pos=v,p=1,n=s,l=lit |
| सौबल | सौबल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अथ | अथ | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| शकुने | शकुनि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कस्माद् | कस्मात् | pos=i |
| वित्तम् | वित्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| समनुपृच्छसि | समनुप्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |