महाभारतम् — 2.60.18
Original
Segmented
दुर्योधन उवाच दुःशासनैः एष मम सूतपुत्रो वृकोदराद् उद्विजते अल्प-चेताः स्वयम् प्रगृह्य आनय याज्ञसेनीम् किम् ते करिष्यन्ति अवशाः सपत्नाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुर्योधन | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| दुःशासनैः | दुःशासन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सूतपुत्रो | सूतपुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वृकोदराद् | वृकोदर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| उद्विजते | उद्विज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अल्प | अल्प | pos=a,comp=y |
| चेताः | चेतस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| प्रगृह्य | प्रग्रह् | pos=vi |
| आनय | आनी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| याज्ञसेनीम् | याज्ञसेनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| करिष्यन्ति | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| अवशाः | अवश | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| सपत्नाः | सपत्न | pos=n,g=m,c=1,n=p |