महाभारतम् — 2.60.37
Original
Segmented
दुःशासनः च अपि समीक्ष्य कृष्णाम् अवेक्षमाणाम् कृपणान् पतीन् तान् आधूय वेगेन विसंज्ञ-कल्पाम् उवाच दासी इति हसन्न् इव उग्रः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःशासनः | दुःशासन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
| कृष्णाम् | कृष्णा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अवेक्षमाणाम् | अवेक्ष् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| कृपणान् | कृपण | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| पतीन् | पति | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आधूय | आधू | pos=vi |
| वेगेन | वेग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| विसंज्ञ | विसंज्ञ | pos=a,comp=y |
| कल्पाम् | कल्प | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| दासी | दासी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| हसन्न् | हस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| उग्रः | उग्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |