महाभारतम् — 2.61.81
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच विदुरस्य वचः श्रुत्वा न ऊचुः किंचन पार्थिवाः कर्णो दुःशासनम् तु आह कृष्णाम् दासीम् गृहान् नय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| विदुरस्य | विदुर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| न | न | pos=i |
| ऊचुः | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पार्थिवाः | पार्थिव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| कर्णो | कर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दुःशासनम् | दुःशासन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कृष्णाम् | कृष्णा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| दासीम् | दासी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गृहान् | गृह | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| नय | नी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |