महाभारतम् — 2.62.25
Original
Segmented
अनीश्वरम् विब्रुवन्तु आर्य-मध्ये युधिष्ठिरम् तव पाञ्चालि हेतोः कुर्वन्तु सर्वे च अनृतम् धर्मराजम् पाञ्चालि त्वम् मोक्ष्यसे दास-भावात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनीश्वरम् | अनीश्वर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| विब्रुवन्तु | विब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
| आर्य | आर्य | pos=a,comp=y |
| मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| युधिष्ठिरम् | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| पाञ्चालि | पाञ्चाली | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| हेतोः | हेतु | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| कुर्वन्तु | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
| सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| अनृतम् | अनृत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| धर्मराजम् | धर्मराज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पाञ्चालि | पाञ्चाली | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मोक्ष्यसे | मुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| दास | दास | pos=n,comp=y |
| भावात् | भाव | pos=n,g=m,c=5,n=s |