महाभारतम् — 2.66.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच अनुज्ञातान् तान् विदित्वा स रत्न-धन-संचयान् पाण्डवान् धार्तराष्ट्राणाम् कथम् आसीत् मनः तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अनुज्ञातान् | अनुज्ञा | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विदित्वा | विद् | pos=vi |
| स | स | pos=i |
| रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
| धन | धन | pos=n,comp=y |
| संचयान् | संचय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| धार्तराष्ट्राणाम् | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |