महाभारतम् — 2.69.4
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच न च किंचित् तदा ऊचुः ते ह्रिया सन्तो युधिष्ठिरम् मनोभिः एव कल्याणम् दध्युः ते तस्य धीमतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| ऊचुः | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ह्रिया | ह्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| सन्तो | सत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| युधिष्ठिरम् | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मनोभिः | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| कल्याणम् | कल्याण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| दध्युः | धा | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| धीमतः | धीमत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |