महाभारतम् — 2.71.27
Original
Segmented
प्रव्याहरन्ति क्रव्यादा गृध्र-गोमायु-वायसाः देवायतन-चैत्येषु प्राकार-अट्टालकेषु च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रव्याहरन्ति | प्रव्याहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| क्रव्यादा | क्रव्याद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| गृध्र | गृध्र | pos=n,comp=y |
| गोमायु | गोमायु | pos=n,comp=y |
| वायसाः | वायस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| देवायतन | देवायतन | pos=n,comp=y |
| चैत्येषु | चैत्य | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| प्राकार | प्राकार | pos=n,comp=y |
| अट्टालकेषु | अट्टालक | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |