महाभारतम् — 2.72.2
Original
Segmented
तम् चिन्तयानम् आसीनम् धृतराष्ट्रम् जनेश्वरम् निःश्वसन्तम् अनेकाग्रम् इति ह उवाच संजयः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| चिन्तयानम् | चिन्तय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| आसीनम् | आस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| धृतराष्ट्रम् | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| जनेश्वरम् | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| निःश्वसन्तम् | निःश्वस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| अनेकाग्रम् | अनेकाग्र | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| ह | ह | pos=i |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| संजयः | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |