महाभारतम् — 2.72.4
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच अशोच्यम् तु कुतस् तेषाम् येषाम् वैरम् भविष्यति पाण्डवैः युद्ध-शौण्डैः हि मित्रवद्भिः महा-रथैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अशोच्यम् | अशोच्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| कुतस् | कुतस् | pos=i |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वैरम् | वैर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| पाण्डवैः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| युद्ध | युद्ध | pos=n,comp=y |
| शौण्डैः | शौण्ड | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| मित्रवद्भिः | मित्रवत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| रथैः | रथ | pos=n,g=m,c=3,n=p |