महाभारतम् — 3.1.26
Original
Segmented
निरारम्भा ह्य् अपि वयम् पुण्य-शीलेषु साधुषु पुण्यम् एव आप्नुयाम इह पापम् पाप-उपसेवनात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निरारम्भा | निरारम्भ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| ह्य् | हि | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
| पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
| शीलेषु | शील | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| साधुषु | साधु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| पुण्यम् | पुण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| आप्नुयाम | आप् | pos=v,p=1,n=p,l=vidhilin |
| इह | इह | pos=i |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पाप | पाप | pos=a,comp=y |
| उपसेवनात् | उपसेवन | pos=n,g=n,c=5,n=s |