महाभारतम् — 3.103.19
Original
Segmented
त्रिदशा विष्णुना सार्धम् उपजग्मुः पितामहम् पूरण-अर्थम् समुद्रस्य मन्त्रयित्वा पुनः पुनः ऊचुः प्राञ्जलयः सर्वे सागरस्य अभिपूरणम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्रिदशा | त्रिदश | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विष्णुना | विष्णु | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
| उपजग्मुः | उपगम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| पितामहम् | पितामह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पूरण | पूरण | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समुद्रस्य | समुद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मन्त्रयित्वा | मन्त्रय् | pos=vi |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| ऊचुः | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| प्राञ्जलयः | प्राञ्जलि | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अभिपूरणम् | अभिपूरण | pos=n,g=n,c=2,n=s |