महाभारतम् — 3.106.27
Original
Segmented
तव च एव प्रभावेन स्वर्गम् यास्यन्ति सागराः पौत्रः च ते त्रिपथगाम् त्रिदिवाद् आनयिष्यति पावन-अर्थम् सागराणाम् तोषयित्वा महेश्वरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| प्रभावेन | प्रभाव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यास्यन्ति | या | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| सागराः | सागर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| पौत्रः | पौत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| त्रिपथगाम् | त्रिपथगा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| त्रिदिवाद् | त्रिदिव | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| आनयिष्यति | आनी | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| पावन | पावन | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सागराणाम् | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| तोषयित्वा | तोषय् | pos=vi |
| महेश्वरम् | महेश्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |