महाभारतम् — 3.11.14
Original
Segmented
ततो ऽहम् त्वाम् अनुप्राप्तः कौरवाणाम् अवेक्षया सदा हि अभ्यधिकः स्नेहः प्रीतिः च त्वयि मे प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततो | ततस् | pos=i |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अनुप्राप्तः | अनुप्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| कौरवाणाम् | कौरव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अवेक्षया | अवेक्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| अभ्यधिकः | अभ्यधिक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्नेहः | स्नेह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |