महाभारतम् — 3.115.14
Original
Segmented
ऋचीक उवाच एकतस् श्यामकर्णानाम् पाण्डुराणाम् तरस्विनाम् दास्यामि अश्व-सहस्रम् ते मम भार्या सुता अस्तु ते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ऋचीक | ऋचीक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एकतस् | एकतस् | pos=i |
| श्यामकर्णानाम् | श्यामकर्ण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| पाण्डुराणाम् | पाण्डुर | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| तरस्विनाम् | तरस्विन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| दास्यामि | दा | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| अश्व | अश्व | pos=n,comp=y |
| सहस्रम् | सहस्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| भार्या | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सुता | सुता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |