महाभारतम् — 3.121.20
Original
Segmented
एष शर्याति-यज्ञस्य देशस् तात प्रकाशते साक्षाद् यत्र अपिबत् सोमम् अश्विभ्याम् सह कौशिकः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शर्याति | शर्याति | pos=n,comp=y |
| यज्ञस्य | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| देशस् | देश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रकाशते | प्रकाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| साक्षाद् | साक्षात् | pos=i |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| अपिबत् | पा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| सोमम् | सोम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अश्विभ्याम् | अश्विन् | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| सह | सह | pos=i |
| कौशिकः | कौशिक | pos=n,g=m,c=1,n=s |