महाभारतम् — 3.124.15
Original
Segmented
आभ्याम् अर्थाय सोमम् त्वम् ग्रहीष्यसि यदि स्वयम् वज्रम् ते प्रहरिष्यामि घोर-रूपम् अनुत्तमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आभ्याम् | इदम् | pos=n,g=m,c=4,n=d |
| अर्थाय | अर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| सोमम् | सोम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ग्रहीष्यसि | ग्रह् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| यदि | यदि | pos=i |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| वज्रम् | वज्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| प्रहरिष्यामि | प्रहृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| घोर | घोर | pos=a,comp=y |
| रूपम् | रूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अनुत्तमम् | अनुत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=s |