महाभारतम् — 3.13.117
Original
Segmented
पतेद् द्यौः हिमवान् शीर्येत् पृथिवी शकलीभवेत् शुष्येत् तोयनिधिः कृष्णे न मे मोघम् वचो भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पतेद् | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| द्यौः | दिव् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हिमवान् | हिमवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शीर्येत् | शृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पृथिवी | पृथिवी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| शकलीभवेत् | शकलीभू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| शुष्येत् | शुष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तोयनिधिः | तोयनिधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कृष्णे | कृष्णा | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मोघम् | मोघ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| वचो | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |