महाभारतम् — 3.134.4
Original
Segmented
यो वै दर्पात् संहनन-उपपन्नः सु दुर्बलः पर्वतम् तस्य एव पाणिः स नखः विशीर्यते न च एव शैलस्य हि दृश्यते व्रणः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| दर्पात् | दर्प | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| संहनन | संहनन | pos=n,comp=y |
| उपपन्नः | उपपद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सु | सु | pos=i |
| दुर्बलः | दुर्बल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पर्वतम् | पर्वत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| पाणिः | पाणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | स | pos=i |
| नखः | नख | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विशीर्यते | विशृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| शैलस्य | शैल | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| दृश्यते | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| व्रणः | व्रण | pos=n,g=m,c=1,n=s |