महाभारतम् — 3.135.24
Original
Segmented
घोरेण तपसा राजंस् तप्यमानो महा-तपाः संतापयामास भृशम् देवेन्द्रम् इति नः श्रुतम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| घोरेण | घोर | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| राजंस् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| तप्यमानो | तप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| तपाः | तपस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संतापयामास | संतापय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| देवेन्द्रम् | देवेन्द्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |