महाभारतम् — 3.135.9
Original
Segmented
एष रैभ्य-आश्रमः श्रीमान् पाण्डवेय प्रकाशते भारद्वाजो यत्र कविः यवक्रीतो व्यनश्यत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| रैभ्य | रैभ्य | pos=n,comp=y |
| आश्रमः | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पाण्डवेय | पाण्डवेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रकाशते | प्रकाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| भारद्वाजो | भारद्वाज | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| कविः | कवि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यवक्रीतो | यवक्रीत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| व्यनश्यत | विनश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |