महाभारतम् — 3.148.20
Original
Segmented
चातुराश्रम्य-युक्तेन कर्मणा काल-योगिन् अकाम-फल-संयोगात् प्राप्नुवन्ति पराम् गतिम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| चातुराश्रम्य | चातुराश्रम्य | pos=n,comp=y |
| युक्तेन | युज् | pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| काल | काल | pos=n,comp=y |
| योगिन् | योगिन् | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| अकाम | अकाम | pos=a,comp=y |
| फल | फल | pos=n,comp=y |
| संयोगात् | संयोग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्राप्नुवन्ति | प्राप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| पराम् | पर | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |