महाभारतम् — 3.155.1
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच निहते राक्षसे तस्मिन् पुनः नारायण-आश्रमम् अभ्येत्य राजा कौन्तेयो निवासम् अकरोत् प्रभुः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| निहते | निहन् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| राक्षसे | राक्षस | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| नारायण | नारायण | pos=n,comp=y |
| आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अभ्येत्य | अभ्ये | pos=vi |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कौन्तेयो | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निवासम् | निवास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अकरोत् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| प्रभुः | प्रभु | pos=n,g=m,c=1,n=s |